पृथला में जलभराव से बिगडे हालातों के लिए सरकार जिम्मेदार: सैलजा

पृथला में जलभराव से बिगडे हालातों के लिए सरकार जिम्मेदार: सैलजा

Government is Responsible for the Deteriorating Conditions

Government is Responsible for the Deteriorating Conditions

पृथला में जल त्रास्दी का दंश झेल रहे राकेश तंवर के निवास पर हालातों का जायजा लेने पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव

पलवल। दयाराम वशिष्ठ: Government is Responsible for the Deteriorating Conditions: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में हो रहे जलभरव लेकर जो भी हालात बिगड़े है उसके लिए कही न कहीं सरकार जिम्मेदार है क्योंकि वह दावे करती है, अधिकारियों की कोई जवाब देही तय नहीं है, अधिकारियों ने जो कह दिया वहीं सही है। इस बार मौसम विभाग ने पहले चेतावनी दे दी थी और दे रहा है कि ज्यादा बारिश होगी। सरकार ने पहले से ही कोई प्रबंध नहीं किए और न ही मानसून आने से पहले नहरों, नालों और नदियों की सफाई कराई, आज प्रदेश की जनता उसी लापरवाही का दंश झेल रही है। 

सांसद सैलजा शनिवार को पृथला में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राकेश तंवर के निवास पर जलभराव की स्थिति को देखने पहुंची थी। इस मौके पर उन्होंने स्वयं नाव पर सवार हो बरसाती पानी से हुए जलभराव का जायजा भी लिया। बता दें कि पिछले एक माह से कांग्रेस नेता राकेश तंवर जल त्रासदी के शिकार हैं वह अपने ही घर में परिवार सहित मकान की पहली मंजिल पर कैद-सा जीवन जीने को मजबूर हंै। उनके घर के आसपास जन निकासी के अभाव में सैकड़ों एकड़ भूमि पानी में डूब चुकी है। हालत यह है कि खेत ही नहीं, लोगों के घरों में भी कई-कई फुट पानी भर गया है। ग्रामीणों का जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है और प्रशासन अब तक आंख मूंदे बैठा है।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि कैसी विडम्बना है कि यहां लोगों के घर डूबे पडे हैं, गाडियों डूबी पडीं हैं और प्रशासन को सब मालूम है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन को मालूम है कि जब बारिश अधिक होती है तो कौन कौन सा क्षेत्र प्रभावित होता है। ऐसे में सरकार का दायित्व है कि पहले से उचित प्रबंध करे और चौकन्ना रहे। इसलिए सरकार को और अधिक प्रोएक्टिव होकर काम करना चाहिए। लेकिन सच यह है कि भाजपा सरकार केवल दावे करती है। सवाल यह है कि ये दावे कब पूरे होंगे अगले साल, बारिश के बाद या तब, जब सारा नुकसान हो चुका होगा? जलस्तर बढऩे पर जितना पानी बाहर आना चाहिए था उससे क ई गुना पानी बाहर आया और फसलें जलमग्न हो गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि नहरों, नालों और नदियों की न तो सफाई कराई गई औप ही तटबंध मजबूत किए गए, जो भी काम हुआ कागजों में ही हुआ। सरकार सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनी रही।  किसानों की कोई बात तक नहीं सुनी गई।

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति देखकर साफ है कि भाजपा सरकार सिर्फ आश्वासन तक सीमित है, जबकि जनता राहत की प्रतीक्षा कर रही है।  
सासंद ने प्रदेश की भाजपा सरकार से मांग की है कि यहां फसलों व घरों का जो भी नुकसान हुआ है उसकी विशेष गिरदावरी करवाई जाए और जो भी नुकसान हुआ है उसका मृुआवजा जल्द से जल्द दिया जाए, प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से किए जाए, भविष्य में मानसून से पहले नहरों, नालों और नदियों की साफ सफाई और तटबंधों को मजबूत न करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए और जिन्होंने यह कार्य केवज कागजों में ही दिखाया हुआ है उनके खिलाफ केस दर्ज करवाया जाए क्योंकि किसी भी अधिकारी को जनता की जान से खिलवाड़ करने का कोई हक नहीं है। किसान चीख चीख कर कह रहे कि इस बार नहरों, नालों नदी की सफाई नहीं हुई, लोगों प्रशासनिक अधिकारियों को फोटो और वीडियो तक दिखा रहे थे पर कोई कार्रवाई करने के लिए तैयार तक नहीं हुआ।

इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता राकेश तंवर ने बताया कि पानी का स्तर बढऩे से उन्हें अपनी फसलों और घरों को लेकर गहरी चिंता है। भाजपा सरकार समय रहते कदम क्यों नहीं उठा रही? इंतज़ार किस बात का है क्या हालात बिगडऩे और नुकसान होने के बाद ही प्रबंध किए जाएंगे? जनता को आश्वासन नहीं, समय पर राहत चाहिए। प्रशासन से मांग है कि तुरंत ठोस प्रबंध किए जाएं ताकि किसी भी अनहोनी से गांव और किसानों को बचाया जा सके। 
इस मौके पर इस मौके पर पूर्व जज सुभाष कौशिक एडवोकेट, डॉ वीरेंद्र,  जितेन्द्र चंदेलिया, प्रदेश प्रवक्ता योगेश ढींगरा, अशोक रावल, बाबूलाल रवि,  मांगे राम,  दलीप, सतपाल एडवोकेट के अलावा मोहना समेत इलाके के लोग मौजूद थे।